धनबाद, 03 फरवरी। Fire in Ashirwad Tower : मंगलवार शाम साढ़े छह बजे जोड़ाफाटक रोड आशीर्वाद टावर में सुबोध श्रीवास्तव के घर शादी का माहौल था। कुछ देर में बारात आने वाली थी। लोग खुशी के साथ शादी के माहौल में पूरी तरह से रंगे हुए थे। विमल किशोर जो आशीर्वाद टावर में ही रहते हैं, उन्होंने बताया कि शाम होने के कारण दूसरे तल्ले के पंकज अग्रवाल की पत्नी ने संध्या में भगवान की आरती के लिए दिया जलाकर रखा था।
इस दिये के कारण ही अचानक से आग फैल गई। किसे पता था कि इसी एक दिये की वजह से 14 घरों का चिराग बुझ जाएगा। किसी की मां, किसी के दादा, किसी की बहन तो किसी का लाडला इसी दिये के कारण आशीर्वाद टावर में लगी आग की चपटे में आ जाएंगे।
गमगीन हुआ शादी का माहौल
आग लगने के कारण पूरा क्षेत्र में कोहराम मच गया। मचे भी क्यों न दो दिन पहले ही आग के कारण छह लोगों की जान जो चली गई थी। अभी इस सदमे से लोग उभर भी नहीं पाए कि इस तरह की दूसरी घटना घट गई। घटना के कारण 10 महिलाएं, दो युवती, एक बच्चे व एक बुजुर्ग की मौत हो गई। शादी का माहौल पूरी तरह से गम में डूब गया। आग लगने की सूचना जिसे मिली वह पहले घटनास्थल की ओर दौड़ा।
पाटलीपुत्र अस्पताल में सुबोध श्रीवास्तव का मौसेरा भाई विनोद कुमार जो बोकारो से आए थे वह अपनी पत्नी व बच्चे का इलाज यहां करा रहे हैं। वे आग में घायल हो गए हैं। उनकी पत्नी सरोज देवी को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। यहां इस परिवार के तीन लोगों को सात बजकर दस मिनट पर सबसे पहले लाया गया था, जिसमें राजा (18 वर्ष), सरोज देवी (32 साल), परी कुमारी (34 साल) शामिल थे।
सरोज देवी का बेटा आग की स्थिति को देखते हुए अपनी मां व पापा से लिपट कर रो-रोकर कह रहा था कि पापा मम्मी ठीक है न। अब हम कहीं नहीं जाएंगे। भगवान मम्मी को ठीक कर दो। सरोज के पति भी डरे हुए हैं।
पापा मैं ठीक हूं, मम्मी भी सुरक्षित हैं
शादी घर में आए मोहित टावर से बाहर (Fire in Ashirwad Tower) निकल राहत की सांस ली। वह पापा-पापा चिल्ला रहा था। वह कह रहा था, पापा मैं ठीक हूं। मम्मी भी बाहर आ गई हैं। मोहित सुबोध श्रीवास्तव के घर शादी समारोह में आया था। उसने बताया कि आग के कारण पूरी तरह से लोग फंस गए, लेकिन किसी तरह कूद-फांद कर उसने अपनी जान बचाई।