रायपुर, 3 मई। Akti Festival : आज अक्ति तिहार के मौक़े पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माटी पूजन कर नई परम्परा की शुरुआत की। अक्ती पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का किसानी वाला अंदाज दिखा।
अन्नदाता के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ना सिर्फ पारंपरिक रूप से ठाकुर देवता की पूजा के साथ किसानी की शुरुआत की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कुदाल से खेत तैयार भी किया और फिर बीज भी बोये। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर खुद ही ट्रैक्टर भी चलाया।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया को अक्ती पर्व (Akti Festival) के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था।
मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि कृषि विद्यालय पहुंचे और खेत में ठाकुर देवता की पूजा अर्चना के साथ किसानी की सुरुआत करते हुए प्रदेश के लिए सुख समृद्धि की कामना की।
अक्ती पर्व के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले माटी पूजन के दौरान कोठी से अन्न लेकर ठाकुर देव को अर्पित किया. यहाँ परम्परागत तौर पर उन्होंने अन्न के दाने को बैगा को सौंपा।
इस अन्न को ठाकुर देव के सामने रखकर अन्न पूजा की और किसानी की पक्रिया शुरू की। इस अन्न दोने से बीजहा लेकर खेत में बीजारोपण किया जाएगा.
मुख्यमंत्री बघेल ने अक्षय तृतीया के अवसर पर खेत में हल और ट्रेक्टर चलाकर बीजों का रोपण भी किया। हिंदू शास्त्रों में अक्षय तृतीया का दिन बहुत शुभ माना गया है। इस दिन जिस काम की शुरूआत होती है, उसकी पूर्णता निश्चित मानी जाती है।
धरती और प्रकृति की रक्षा करने (Akti Festival) के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ में माटी पूजन महाभियान की शुरुआत की। इसके अंतर्गत राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
इस मौके पर मख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि माटी पूजन महाभियान का लक्ष्य रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती की पुनर्स्थापना है। हमारी कृषि परम्परा में यह दिन विशेष महत्व रखता है। अक्षय तृतीया से नई फसल के लिए तैयारी शुरू होती है।