नई दिल्ली, 3 मई। Fire in E- Scooters : जब से गर्मियां बढ़ी हैं तब से इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक स्कूटर का निर्माण करने वाली कंपनियां ओला, ओकिनावा आदि के नाम शामिल हैं। ई-स्कूटर्स में लगने वाली आग की घटनाओं ने लोगों में इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रति अविश्वास पैदा कर दिया है। इसलिए आज हम इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग क्यों लगती है, ताकि आप समय रहते इसके बारे में बारिकी से समझ लें।
इस वजह से लगती है आग?
इलेक्ट्रिक व्हीकल (Fire in E- Scooters) में लगने वाली आग के पीछे बहुत से कारण हैं। ई-स्कूटर में इस्तेमाल होने वाली गैसोलिन और लिथियम दोनों बेहद ज्वलनशील होते हैं। इनमें आग पकड़ने में सिर्फ तापमान का अंतर होता है। गैसोलिन 210 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर आग पकड़ता है, जबकि लिथियम 135 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर आग पकड़ लेता है। ऐसे में उर्जा से सही उपयोग के लिए तकनीक में सुरक्षा को अपनाना ज़रूरी है। आईसीई इंजन उद्योग पुराना है और शुरूआती अवस्थाओं में ये जटिलताएं रही हैं। इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए यह नया है। यह आईसीई समकक्षों की तरह अपने आप में सुधार ला सकता है।
तापमान बन सकता है आग लगने का कारण?
आजकल बाहर का तापमान अपने चरम पर है, जो इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने का मुख्य कारण हो सकता है। अत्यधिक तापमान के कारण बैटरी अधिक गर्म हो जाती है जिससे आग लगने की घटनाएं होती हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि वाहनों में आग लगने का कारण बीएमएस (बैटरी प्रबंधन प्रणाली), ओवरचार्जिंग, गलत चार्जर का उपयोग आदि हो सकते हैं।
ओवरचार्जिंग या शॉर्ट सर्किट से लगती है आग?
बैटरी की कोर इंजीनियरिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें ऐसी बैटरियों की आवश्यकता है जो बुद्धिमान, सुरक्षित, और भरोसेमंद हों। अत्यधिक गर्म मौसम की स्थिति और बैटरी की अनुचित थर्मल प्रबंधन प्रणाली बैटरी के प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। बैटरी में आग आमतौर पर ओवरचार्जिंग या शॉर्ट सर्किट के कारण होती है।
सरकार का एक्शन प्लान
इलेक्ट्रिक व्हीकल (Fire in E- Scooters) में लगनी वाली आग को लेकर सरकार काफी सख्त है। इस मामले को लेकर बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ दिन पहले कहा था कि मामले की जांच के लिए गठित विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार चूक करने वाली कंपनियों पर आवश्यक कार्रवाई करेगी।