बजट की तैयारियों में जुटी मोहन सरकार

भोपाल। मप्र की डॉ. मोहन यादव सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट तैयार करने में जुटी हुई है। सरकार का फोकस है कि सभी विभागों को पर्याप्त और संतुलित बजट मुहैया कराया जाए ताकि विकास को लगातार गति मिलती रहे। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार का फरवरी के अंतिम या मार्च के प्रथम सप्ताह में प्रस्तुत होने वाले बजट में सरकार पीएम नरेंद्र मोदी की चार जातियों यानी युवा, महिला, गरीब और किसान पर केंद्रित पर केंद्रित रहेगा। इन वर्गों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर वित्तीय प्रविधान रहेंगे।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि इन वर्गों को लेकर संचालित केंद्रीय योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ हितग्राहियों को दिलाने के लिए तीन वर्ष की कार्ययोजना बनाएं। इसके अनुसार ही बजट प्रविधान प्रस्तावित करें। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जनवरी के अंतिम सप्ताह में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बजट की तैयारियों को लेकर बैठक करेंगे। केंद्रीय योजनाओं का शत प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बजट में राज्यांश रखा जाएगा। उधर, वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी योजनाएं, जिनकी प्रकृति एक जैसी है, उन्हें आपस में मिलाने पर विचार किया जाए। साथ ही जिनके लक्ष्य पूरे हो चुके है, उन्हें बंद किया जाएगा।

चार लाख करोड़ से अधिक का बजट
प्रदेश का वर्ष 2024-25 का बजट 3 लाख 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। 22 हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के माध्यम से भी विभागों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई गई है। इसे देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि वर्ष 2025-26 का बजट चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो चार जातियां गरीब, किसान, युवा और महिला, बताई हैं, उसको ही केंद्र में रखा जाएगा। बजट का खाका भी युवा, महिला, गरीब और किसानों के लिए चलाए जाने वाले मिशन को आगे बढ़ाने की दृष्टि से खींचा जा रहा है। सभी विभागों में इन चारों वर्गों के लिए संचालित योजनाओं के लिए आवश्यकता के अनुसार प्रविधान होंगे। बजट में इन्हें अलग से प्रदर्शित भी किया जाएगा और एक विभाग को नोडल बनाया जाएगा। यह ठीक कृषि, चाइल्ड और जेंडर बजट जैसा होगा। इसमें अलग से बताया जाता है कि किस वर्ग के लिए क्या वित्तीय प्रविधान किए गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं स्वास्थ्य विभाग सहित युवा, रोजगार से जुड़ी योजनाओं एवं विभागों के लिए राशि का बजट में विशेष प्रावधान रहने के संकेत मुख्यमंत्री की ओर से मिल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि बजट में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने, स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था के लिए प्रविधान प्रस्तावित किए जाएंगे। किसानों के लिए धान में प्रोत्साहन राशि प्रति हेक्टेयर दो हजार रुपये रखने के साथ प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भी राशि रखी जाएगी। इसी तरह महिला और गरीबों के लिए प्रविधान होंगे। 15 जनवरी तक इसका खाका तैयार कर माह के अंत में मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

 विकास और निर्माण का बजट बढ़ेगा
 विधायकों द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्रों में प्रस्तावित निर्माण कार्यों के लिए बजट में अलग से प्रावधान भी किया जाएगा, जो अधोसंरचना विकास और निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों के बजट का आकार भी बढ़ाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी विधायकों से उनके विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित होकर कार्य करने की बात कही है। साथ ही कहा है कि उनके क्षेत्र में जनता के काम समय पर हों, इसकी भी वे चिंता करें। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को उनकी विधानसभा क्षेत्र के योजनाबद्ध विकास के लिए अगले 5 साल का मास्टर प्लान बनाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए जनता को बेहतर सेवाएं देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि विकास कार्य और जनकल्याण के काम उनकी प्राथमिकता में हैं। विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में आवश्यक एवं जनता की परेशानी और सुविधा से संबंधित कम लागत के जरूरी विकास कार्यों की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय को देंगे। इनमें छोटे पुल-पुलिया, सडक़, बिजली, पानी, विद्यालय, आंगनबाड़ी, सामुदायिक भवन जैसे कामों की सूची संबंधित विभागों के पास प्रस्ताव बनाने के लिए भेजी जाएगी। इन प्रस्तावों की लागत की राशि को बजट में शामिल कराया जाएगा। अगले 5 साल में एक करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही मध्यप्रदेश सरकार का 2025-26 के लिए जल संसाधन विभाग का बजट विगत वर्षों से बड़ा होगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बजट 6063.70 करोड़ का था, 2021- 22 में 6436 हजार करोड़ हुआ। 2024- 25 के लिए जल संसाधन विभाग का बजट 6348 हजार करोड़ था। लेकिन इस बार यह इससे अधिक हो सकता है। इस बार मप्र में नदी जोड़ो अभियान शुरू हुआ है। केन-बेतवा और पार्वती-चम्बल- कालीसिंध परियोजनाओं का भूमिपूजन हो चुका है। 18 अन्य योजनाओं के प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हैं। इनमें राज्य के हिस्से की राशि का बजट में प्रावधान किया जाएगा।

बजट में जनता की सहभागिता
सरकार ने आगामी बजट के मद्देनजर प्रदेशवासियों से सुझाव मांगे हैं ताकि विकास की राह को और तेज किया जा सके। साथ ही जनता की बजट के निर्धारण में महत्वपूर्ण सुझाव के तौर पर हिस्सेदारी भी हो। राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों से विभिन्न माध्यमों के जरिए सुझाव मांगे हैं और यह सुझाव 15 जनवरी तक सरकार तक भेजे जा सकते हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि विकास की राह पर निरंतर आगे बढ़ रहे मध्य प्रदेश के आगामी बजट में अपने सुझावों के माध्यम से आम जन सहभागी बनें और प्रदेश की प्रगति तथा समृद्धि में अपना योगदान दें। भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जन कल्याण और विकास कार्यों से जुड़ी योजनाएं डॉ. मोहन यादव की सरकार की प्राथमिकताएं होंगी। नदी जोड़ो अभियान योजनाओं पर मप्र राजस्थान, मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश को योजना की लागत की कुल 10 प्रतिशत राशि देना है। जबकि इसका फायदा राज्य के उन क्षेत्रों को होगा, जहां इस तरह की योजना की महती आवश्यकता है। इसलिए केन्द्र प्रायोजित योजनाओं को सरकार ने प्राथमिकता में लिया है और बजट में इसके लिए अलग से राशि का प्रावधान भी किया जाएगा।

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