Worst Road : मालदा से आई एक बेहद दुखद घटना…! काश गांव में सड़क होती तो शायद मेरी पत्नी की जान बच जाती…देखिए VIDEO

मालदा, 19 नवबंर। Worst Road : पश्चिम बंगाल के मालदा से एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। यहां एक महिला ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। ऐंबुलेंस वालों ने भी उस गांव में आने से इनकार कर दिया। ऐसे में महिला के परिजन उसे चारपाई पर उठाकर अस्पताल की ओर ले जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को मालदंगा गांव की रहने वाली मामानी रॉय को बुखार और पेट में दर्द हुआ। स्थिति जब बिगड़ने लगी तो उनके पति ऐंबुलेंस को फोन लगाने लगे। लेकिन गांव का नाम सुनकर ही कोई ऐंबुलेंस वाला वहां आने को तैयार नहीं था। यहां तक कि कोई प्राइवेट कार या बैट्री रिक्शा भी उस गांव में घुसने को तैयार नहीं था। मृतक के पति ने कहा, काश गांव में सड़क होती तो शायद मेरी पत्नी की जान बच जाती।

गांव का रास्ता कीचड़भरा और बेहद खराब

मालदंगा गांव का नाम सुनकर ही लोग भड़क रहे थे। कारण इतना सा था कि गांव का रास्ता कीचड़भरा और बेहद खराब है। गांव से 10 किलोमीटर की दूरी पर सरकारी ग्रामीण अस्पताल स्थित है। अब घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि महिला को चारपाई पर लिटाकर दो लोग कीचड़भरे रास्ते से लेकर जा रहे हैं।

मालदा के डीएम नितिन सिंघानिया ने घटना को लेकर दुख जताया है। उन्होंने कहा, मुझे घटना के बारे में पता चला। यह बहुत ही दर्दनाक है। हमसे जो हो सकेगा, तत्काल करेंगे। महिला के पति कार्तिक रॉय ने बताया, हमने प्राइवेट ऐंबुलेंस, कार या फिर बैट्री रिक्शा को भी बुलाने की कोशिश की। लेकिन मालदंगा गांव का नाम सुनकर ही सबने आने से इनकार कर दिया। ऐसे में मुझे पत्नी को चारपाई से ही लेकर चलना पड़ा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। अगर गांव में सड़क होती तो हो सकता था कि मेरी पत्नी की जान बच जाती। 

इस मामले को लेकर भाजपा और टीएमसी में भी जुबानी जंग शुरू हो गई। भाजपा के बंगाल यूनिट के चीफ अमित मालवीय ने कहा, ममता बनर्जी को भाजपा और आरएसएस की चिंता छोड़ कर अपने लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में ध्यान देना चाहिए। इसके बाद टीएमसी के जिला अध्यक्ष शुभमय बसु ने कहा, बीते दो साल से केंद्र सरकार ने राज्य के सारे फंड बंद कर दिए हैं। जो भी हुआ बहुत दर्दनाक है और हमारी पार्टी पीड़ित (Worst Road) परिवार के साथ है। हम गांव तक सड़क बनवाने का भी प्रयास करेंगे। 

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