Medicine Price Rise : पेनकिलर से लेकर एंटीबायोटिक तक महंगी हुई ये जरूरी दवाएं

नई दिल्ली, 03 अप्रैल। Medicines Price Rise : खाने-पीने से लेकर रोजमर्रा के सामान की कीमत में उछाल के बीच अब इलाज कराना और भी महंगा हो गया है। क्योंकि नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने देश में 905 जरूरी दवाओं के दाम बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। नए वित्तीय वर्ष में अब सिर्फ बुखार ही नहीं, बल्कि पेन किलर, इंफेक्शन की दवा, डायबिटीज, और हार्ट की बीमारी में यूज होने वाली दवा, एंटीबायोटिक की दरों में इजाफे को मंजूरी दे दी गई है। नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो चुकी हैं।

नोटिफिकेशन जारी

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने इस सिलसिले में नोटीफिकेशन जारी कर दिया है। जिसके तहत सभी दवा कंपनियों को नई सीलिंग प्राइस के हिसाब से रेट निर्धारित करने की इजाजत मिल गई है। आपको बताते चलें कि फार्मा कंपनियों ने इंडस्ट्री की चुनौतियों के मद्देनजर दवा की कीमतें बढ़ाने की मांग की थी।

पिछले साल 10 फीसदी बढ़े थे दवा के दाम 

पैरासिटामोल सहित करीब 900 दवाओं के दामों में करीब 12 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। गैर-जरूरी सूची से बाहर की दवाओं की कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने की छूट दी गई है। दवा के दाम में 12.12% की WPI के अनुसार रिवीजन तय किया गया है। कंपनियां इसके ऊपर सिर्फ जीएसटी ले सकेंगी, अगर उन्होंने पे किया है। वहीं हर दवा निर्माता कंपनी को 15 दिनों में सभी दरों में बदलाव की जानकारी रिटेलरों, डीलरों और सरकार को भी देनी होगी। अगर कोई कंपनी किसी विशेष दवा का उत्पादन बंद करना चाहती है तो 6 माह पहले सरकार को देनी होगी जानकारी। वहीं निर्धारित दर से ज्यादा चार्ज करने पर ब्याज समेत जुर्माना देय होगा। इसका आदेश के तहत दवा निर्माता फार्मा कंपनिया तत्काल प्रभाव से अपने प्रोडक्ट की कीमत बढ़ा सकती हैं।

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