नई दिल्ली, 9 अगस्त। Reached The SC : आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त की योजनाओं का वादा करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ एक जनहित याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
पार्टी ने अपनी अर्जी में कहा है कि (Reached The SC) मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त परिवहन जैसे चुनावी वादे मुफ्त नहीं हैं, क्योंकि ये योजनाएं असमान समाज में बेहद जरूरी हैं। पार्टी ने इस मामले में खुद को पक्षकार बनाए जाने की भी मांग की है। पार्टी ने इस तरह की घोषणाओं को राजनीतिक पार्टियों का लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार बताया। आप ने याचिकाकर्ता को भाजपा का सदस्य बताते हुए उनकी मंशा पर भी सवाल उठाए।
जानें अश्विनी उपाध्याय की याचिका में क्या कहा गया?
वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त की योजनाओं की घोषणा को मतदाताओं को रिश्वत देने की तरह देखा जाए। चुनाव आयोग अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ऐसी घोषणा करने वाली पार्टी की मान्यता रद्द करे।
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और नीति आयोग से उपाय सुझाने के लिए कहा था
शीर्ष अदालत (Reached The SC) ने तीन अगस्त को केंद्र, नीति आयोग, वित्त आयोग और आरबीआई जैसे हितधारकों से चुनावों के दौरान मुफ्त की योजनाओं का वादा करने के मुद्दे पर विचार करने और इससे निपटने के लिए रचनात्मक सुझाव देने के लिए कहा था। अदालत ने इस मुद्दे से निपटने के लिए सरकार को उपाय सुझाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का आदेश देने का संकेत दिया था।