रायपुर, 4 जून। Law Minister Rijiju : एक वकील को केवल न्याय के लिए लड़ने के लिए पहचान होनी चाहिए, न कि इसलिए कि अंग्रेजी अधिक बोली जाती है। अंग्रेजी जरूरी है लेकिन इसके बिना वकील को काम नहीं मिलेगा, यह नहीं होना चाहिए। एक वकील के पास सभी भाषाओं के क्लाइंट आते है। वकीलों को उनकी भाषा के लिए नहीं बल्कि उनके न्यायपूर्ण कार्य के लिए पहचाना जाना चाहिए। आज केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर मंच से यह बात कही।
कानून का मतलब न्याय
उन्होंने आगे कहा (Law Minister Rijiju) कि अगर आपको अंग्रेजी नहीं आती तो क्या काम रुक जाएगा? अगर इस देश में कोई सोचता है कि अंग्रेजी बोलना बहुत स्मार्ट है, तो यह बहुत गलत बात है। अंग्रेजी बोलने वाले वकीलों को ही ज्यादा केस मिलते हैं, यह भी गलत है। सभी भाषाओं में काम होने चाहिए। छत्तीसगढ़ी में भी बात हो सकती है। कानून का मतलब न्याय और सभी वकीलों को उसी और ध्यान देना चाहिए। हमारा काम क्लाइंट को सही तरीके से मार्गदर्शन करना और उनका सहयोग करना है।
बढ़ते मामलों पर जताई चिंता
मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं अपने आप को बहुत भाग्यवान मानता हूं कि यहां आने का मौका मिला। 4 करोड़ 25 लाख के आसपास के केस पेंडिंग थे, जब मैं कानून मंत्री बना। अब साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा पेंडिंग केसेस हो गए। जितने मामले निपटाए जा रहे हैं, उससे दोगुने नए केस आ रहे हैं जो बहुत चिंताजनक है। काम हो रहे हैं इसलिए केसेस भी बढ़ रहे हैं।
न्याय में देरी न करें
कोरोना काल में भी सबने समर्पित भाव से काम किया है। वकीलों और जजों के ऊपर भी काम न लटके इसलिए प्रेशर होना चाहिए, महीनों-महीनों तक काम नहीं लटकना चाहिए। समय पर न्याय जरूरी है, देरी से न्याय का क्या फायदा। आम आदमी और न्याय में दूरी नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि (Law Minister Rijiju) सुकमा, जगदलपुर, नारायणपुर के केस हाईकोर्ट बिलासपुर में बुलाये जाए ऐसा नहीं होना चाहिए, लोगों के पास जाकर न्याय मिले ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। हम नई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं। ई-कोर्ट को लेकर, सुप्रीम कोर्ट से दूर कहीं बैठकर भी केस से संबंधित जुड़ सके ऐसी व्यवस्था कर रहे।