रायपुर, 9 अप्रैल। World Homeopathy Day : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव विश्व होम्योपैथी दिवस पर 10 अप्रैल को आयोजित संगोष्ठी में शामिल होंगे।
संचालनालय आयुष द्वारा रायपुर के सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। संगोष्ठी में विशेषज्ञ ‘होम्योपैथिक अप्रोच इन एक्युट कंडीशनन्स (Homeopathic Approach in Acute Conditions)’ विषय पर अपने विचार साझा करेंगे।
विश्व होम्योपैथी दिवस पर नवीन विश्राम भवन में सवेरे 9 बजे से होम्योपैथी चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया है। शिविर में इलाज के लिए पहुंचे लोगों का होमियोपैथी चिकित्सकों द्वारा जांच एवं उपचार किया जाएगा। आवश्यकतानुसार उन्हें निःशुल्क दवाई भी की जाएंगी।
क्या है होम्योपैथी?
होम्योपैथी यूनानी (World Homeopathy Day) शब्द होमो और पैथोस से आया है. इसमें होमो का अर्थ ‘समान’ और पैथोस का अर्थ है ‘दुःख या बीमारी’ है।केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के अनुसार, यह चिकित्सा का ही एक वैकल्पिक रूप है जो ‘समरूपता’ दवा सिद्धांत पर आधारित है। इस पद्धति में रोगियों का उपचार न केवल होलिस्टिक दृष्टिकोण के माध्यम से, बल्कि रोगी की व्यक्तिवादी विशेषताओं को समझकर किया जाता है।
क्या है इतिहास?
जर्मन मूल के फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन को होमियोपैथी (World Homeopathy Day) का जनक माना जाता है। 10 अप्रैल को उनका जन्म हुआ था। कहा जाता है कि उन्होंने ही लोगों को होमियोपैथी के भविष्य के बारे में अवगत कराया था। इस साल उनकी 267वीं जयंती है।