रायपुर, 24 फरवरी। Rajim Maghi Punni Mela : राजिम माघी पुन्नी मेला में संत समागम शुभारंभ की मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सरस मेले का भरपूर आनंद लिया और विभिन्न स्टालों में जाकर स्वसहायता समूह की महिलाओं एवं स्थानीय कलाकारों से सहजता एवं आत्मीयता के साथ बात की। उन्होंने स्टॉल में लगे विभिन्न उत्पादों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली।
खुुमरी पहनकर ली सेल्फी तो चॉक भी घुमाया
इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की पराम्परागत (Rajim Maghi Punni Mela) खुमरी पहनकर फोटो भी खिंचवाई। माटीकला के स्टॉल में चॉक घुमाकर कलश बनाने में हाथ अजमाया। साथ ही बस्तर के सुप्रसिद्ध वाद्य यंत्र तुरही का वादन कर आनंद लिया। राज्यपाल ने ग्राम नारी के कुम्हार युगल किशोर चक्रधारी द्वारा बनाये जा रहे मिट्टी के कलश देखकर बहुत ही उत्सुकता पूर्वक अपने हाथों से चॉक घुमाकर देखा। सरस मेला मेें संगवारी सेल्फी जोन में राज्यपाल ने खुमरी पहनकर सेल्फी ली।
कुम्हार चक्रधारी ने बताया कोरोना काल का हाल
राज्यपाल ने चक्रधारी से चर्चा कर विक्रय के संबंध में जानकारी ली। कुम्हार चक्रधारी ने बताया कि कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो गई थी। ऐसे में लोगों को हाथों से बनी सामग्री को अधिक से अधिक खरीदना चाहिए जिससे कुम्हारों को भी रोजगार मिल सकेगा। इससे स्वदेशी वस्तुओं का भी प्रचार होगा और हमारे शिल्पियों को भी रोजगार मिलेगा।
राज्यपाल ने रेशम के स्टॉल (Rajim Maghi Punni Mela) में कोसा से बने वस्त्रों की खूब सराहना की। ग्राम पारागांव की कारीगर सोनकुंवर देवांगन द्वारा बुनी जा रही चादर का अवलोकन किया। कारीगरों से चर्चा करते हुए साड़ी बनाने में आने वाली लागत और बाजार उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। हथकरघा स्टॉल में राज्यपाल उईके को शॉल भेंट किया गया।