सिलचर, 31 जुलाई। असम और मिजोरम के बीच जारी तनाव के बीच बराक घाटी के विधायकों की संयुक्त सर्वदलीय बैठक असम के सिलचर स्थित सर्किट हाउस में हुई।इस बैठक में सीमा मुद्दे पर चर्चा हुई। इस बैठक की कछार के संरक्षक मंत्री अशोक सिंघल ने शुक्रवार को की, जिसमें बराक घाटी के तीन जिलों के 15 में से 11 विधायक मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हम इस मिजो-असम सीमा संकट के समय एकजुट हैं। 26 जुलाई को दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद अपने चरम पर पहुंच गया और दोनों राज्यों की सेनाओं के बीच भीषण मुठभेड़ में असम पुलिस के छह कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी।
26 जुलाई को सीमा पार से मिजोरम पुलिस कर्मियों और नागरिकों द्वारा कथित रूप से किए गए हमले में 6 पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए, जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। असम के कछार और हैलाकांडी जिलों में मिजोरम के साथ सीमा पर तनाव अक्टूबर 2020 से घरों को जलाने और भूमि पर अतिक्रमण की लगातार घटनाओं के साथ बढ़ रहा है। दोनों राज्य, असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों और मिजोरम के कोलासिब, ममित और आइजोल के बीच 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।
कछार के संरक्षक मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि विधायकों की इस बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि हम मिजोरम से राज्यसभा सांसद के वनलालवेना द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए राज्यसभा के सभापति को स्थानांतरित करेंगे। कोलासिब, मिजोरम के पुलिस अधीक्षक द्वारा निभाई गई भूमिका भी संदिग्ध है और उनकी जांच की जानी चाहिए।मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए संरक्षक मंत्री सिंघल ने कहा कि इस संकट के समाधान के लिए सभी विधायक एकजुट हैं।
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक सोनाई करीम उद्दीन बरभुइया ने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए सभी को जनता के साथ हाथ मिलाना चाहिए और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री लोगों को निराश नहीं करेंगे।
इस बीच, असम पुलिस ने शुक्रवार को के वनलालवेना को तलब किया और उन्हें असम-मिजोरम सीमा संघर्ष के सिलसिले में 1 अगस्त को सुबह 11 बजे पुलिस थाने में पेश होने को कहा। सांसद को नोटिस तामील करने के लिए सीआईडी के अधिकारियों समेत असम पुलिस की टीम दिल्ली में मौजूद है।